व्याकरण
वर्तनी और उच्चारण · वाक्य · संज्ञाएँ · निर्धारक · सर्वनाम · विशेषण · क्रियाविशेषण · क्रियाएँ · परसर्ग · संयोजक · प्रश्न · उपवाक्य · संख्याएँ · शब्द रचना · संक्षेप · विरामादि चिह्न

वाक्य

एलेफ़ेन में ज़्यादातर वाक्यों में एक क्रिया-पद होता है जो किसी कार्य का करना या होना व्यक्त करता है। क्रिया-पद में एक क्रिया और क्रियाविशेषण या परसर्ग जैसे संशोधक होते हैं।

ज़्यादार वाक्यों में कम से कम एक नामिक पद होता है जो साधारणतया व्यक्ति या वस्तु को सूचित करता है। नामिक पद में एक संज्ञा और निर्धारक, विशेषण और परसर्ग जैसे संशोधक होते हैं।

कर्ता और कर्म

दो सबसे महत्त्वपूर्ण नामिक पद कर्ता और कर्म हैं। उनकी यथार्थ परिभाषा क्रिया पर निर्भर होती है लेकिन कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है जो काम करता है और कर्म वह व्यक्ति या वस्तु है जो सो काम से प्रभावित होता है।

एलेफ़ेन में कर्ता हमेशा क्रिया के आगे आता है और कर्म हमेशा क्रिया के पीछे:

कुछ स्थितियों में स्पष्टता या अंदाज़ के लिए क्रिया के कर्म को वाक्य की शुरुआत में रखा जाता है। वैसी स्थितियों में कर्म के पीछे अल्पविराम का उपयोग करना चाहिए और क्रिया के पीछे कर्म का सर्वनाम रखा जाता है:

ज़्यादातर क्रियाओं को कर्ता की आवश्यकता होती है लेकिन कर्म की आवश्यकता नहीं होती

पूरक

वाक्य का दूसरा महत्त्वपूर्ण अंश पूरक होता है। यह कर्ता का अतिरिक्त विवरण है जो es (होना), deveni (बनना), pare (दिखना) और resta (रहना) जैसे क्रियाओं के बाद में आता है:

कुछ भाषाओं में कर्म के भी पूरक हो सकते हैं, जैसे “मुझे यह चीज़ गंदी लगती है” या “उन्हों ने उसे राष्ट्रपति चुना”। ऐसे पूरक एलेफ़ेन में मौजूद नहीं हैं।

परसर्ग

वाक्य का दूसरा महत्त्वपूर्ण अंश परसर्ग है जो आगे आनेवाले नाम या क्रिया या संपूर्ण वाक्य में अधिक जानकारी जोड़ता है:

उपवाक्य

वाक्यांशों के साथ ही कुछ वाक्यों में उपवाक्य होते हैं जो लंबे वाक्यों के अंदर छोटे वाक्यों जैसे दिखते हैं। वे नामिक पद, क्रिया-पद या पूरे लंबे वाक्य का संशोधन करता है:

Esta paje es presentada con la lisensa CC Attribution-Share Alike 4.0 International.
Lo ia es automatada jenerada de la paje corespondente en la Vici de Elefen a 29 febrero 2024 (16:03 UTC).