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शब्द रचना

एलेफ़ेन में मौजूदा शब्दों पर उपसर्ग या प्रत्यय जोड़कर या दो मौजूदा शब्दों को समास बनाकर नए शब्द बनाए जा सकते हैं।

बिना उपसर्ग या प्रत्यय जोड़कर भी विशेषण को संज्ञा और क्रिया को संज्ञा की तरह उपयोग किया जा सकता है।

उपसर्ग

जब एक व्यंजन वर्ण में अंत होनेवाले उपसर्ग को वही व्यंजन वर्ण से शुरू होनेवाले शब्द पर जोड़ा जाता है तो सो व्यंजन वर्ण को सिर्फ़ एक बार लिखा जाता है (inter+rede  →  interede,​ non+nesesada  →  nonesesada)।

Anti- ऐसे विशेषण और संज्ञाएँ बनाता है जो निषेध व्यक्त करते हैं:

Auto- ऐसे संज्ञाएँ, क्रियाएँ और विशेषण बनाता है जो स्वचालित क्रियाएँ व्यक्त करते हैं:

Des- ऐसी क्रियाएँ बनाता है जो क्रियाओं का पूर्ववत् होने की क्रिया व्यक्त करती हैं। S, Z, X या J के आगे सिर्फ़ de- लिखा जाता है:

Inter- ऐसे संज्ञाएँ, क्रियाएँ या विशेषण बनाता है जो आपसी क्रियाएँ या स्थतियाँ व्यक्त करते हैं:

Media- ऐसी संज्ञाएँ बनाता है जो किसी चीज़ के मध्यबिंदु को सूचित करती हैं:

Non- ऐसे विशेषण या संज्ञाएँ बनाता है जो विलोम व्यक्त व्यक्त करते हैं:

Pos- ऐसे संज्ञाएँ, क्रियाएँ या विशेषण बनाता है जो पीछे के समय (pos) को व्यक्त करते हैं:

Pre- ऐसे संज्ञाएँ, क्रियाएँ या विशेषण बनाता है जो आगे के समय (ante) को व्यक्त करते हैं:

Re- ऐसी क्रियाएँ बनाता है जो दोहराई गई क्रियाएँ या उलटी क्रियाएँ व्यक्त करती हैं:

Su- ऐसे संज्ञाएँ, क्रियाएँ या विशेषण बनाता है जो नीचे के बिंदु को सूचित करते हैं:

Supra- ऐसे संज्ञाएँ, क्रियाएँ या विशेषण बनाता है जो ऊपर के बिंदु को सूचित करते हैं:

Vis- ऐसी संज्ञाएँ बनाता है जो डिप्टियों को सूचित करती हैं:

Bon- और mal- विशेषण और क्रियाओं के अच्छे और बुरे संस्कारों को सूचित करते हैं:

कुछ शब्दों में संख्याओं और भिन्नसूचक संख्याओं को उपसर्ग की तरह जोड़ा जा सकता है। रिश्तों से संबंधित शब्दों में ऐसे उपसर्ग जोड़ने से पीढ़ियों का अंतर व्यक्त होता है:

प्रत्यय

कई प्रत्यय स्वर वर्ण से शुरू होते हैं। जब स्वर वर्ण में अंत होनेवाले शब्दों में वैसे प्रत्यय जोड़े जाते हैं तब मूल शब्द में उपस्थित एकमात्र स्वर वर्ण न हो तो मौजूदा स्वर वर्ण को हटाया जाता है:

जब प्रत्यय जोड़ने से एक अमान्य स्वरानुक्रम बनता है तो अनुक्रम के दूसरे स्वर वर्ण को हटाया जाता है:

इन नियमों के दो अपवाद हैं:

क्रियाएँ बनानेवाले प्रत्यय

अन्य क्रियाओं के जैसे प्रत्यय जुड़कर बने क्रियाओं को दोनों सकर्मक और अकर्मक क्रियाओं या संज्ञाओं के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

संज्ञाओं और विशेषणों में -i प्रत्यय जोड़कर बनने या बदलने की क्रिया को व्यक्त किया जा सकता है। विशेष स्थितियों में इसमें निकालने की क्रिया को भी समावेश किया जा सकता है:

-i ऐसी क्रियाएँ भी बनाता है जो उपयोग होने या लागू होने के अर्थ में उपयोग किए जाते हैं:

विशेषण बनानेवाले प्रत्यय

अन्य विशेषणों की तरह ऐसे प्रत्ययों के उपयोग से बने विशेषणों को भी निश्चित गुणवाले इंसान या वस्तुओं को सूचित करनेवाली संज्ञाओं के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

संज्ञाओं में -in जोड़ने से ऐसे विशेषण बनते हैं जो समानता व्यक्त करते हैं:

संज्ञाओं में -osa जोड़ने से ऐसे विशेषण बनते हैं जो अंश व्यक्त करते हैं:

संज्ञाओं में -al जोड़ने से ऐसे विशेषण बनते हैं जो संबंध व्यक्त करते हैं:

संज्ञाओं में -iste जोड़ने से ऐसे विशेषण बनते हैं जो धर्म या दर्शन जैसी धारणाओं से संबंध व्यक्त करते हैं:

कुछ संज्ञाओं में -an जोड़ने से ऐसे विशेषण बनते हैं जो स्थल और समय के विस्तार को व्यक्त करते हैं:

भाषाओं और लोगों को सूचित करने के लिए उपयोग किए जानेवाले पाँच मान्य प्रत्ययों में से -an भी एक है। बाक़ी चार प्रत्यय -es, -ica, -i और -sce हैं। ऐसे विशेषणों के लिए एलेफ़ेन संभवतः शब्दों को मूल संज्ञाओं से मिलाने की कोशिश करता है: इसीलिए, कुछ संज्ञाएँ अपने ख़ुद के विशेष प्रत्ययों का उपयोग करते हैं या प्रत्ययों का उपयोग ही नहीं करते और कभी-कभी धातुओं को भी बदला जाता है:

लेकिन इच्छानुसार किसी भी देश के नाम के अंत में -an जोड़ा जा सकता है:

किसी औषधीय, मानसिक या उस तरह की समस्याओं को सूचित करनेवाली संज्ञाओं में -ica जोड़ने से सो समस्या से जूझ रहे इंसानों को सूचित करनेवाले विशेषण बनते हैं:

क्रियाओं में -nte जोड़कर एक सक्रिय कृदंत बनाया जाता है जो सो क्रिया के कर्ता का अर्थ व्यक्त कर्ता है। Es का सक्रिय कृदंत esente है:

अंत में -nte होनेवाली संज्ञाओं को क्रियाओं के नामों की तरह उपयोग नहीं किया जाता:

क्रियाओं में -da जोड़कर एक निष्क्रिय कृदंत बनाया जाता है जो सो क्रिया के कर्म का अर्थ व्यक्त कर्ता है:

क्रियाओं के भूतकाल में बदलने के लिए -da का उपयोग नहीं किया जाता:

क्रियाओं में -able जोड़ने से ऐसे विशेषण बनते हैं को योग्यता व्यक्त करते हैं:

संज्ञाएँ बनानेवाले प्रत्यय

क्रियाओं में -or जोड़ने से ऐसी संज्ञाएँ बनती हैं जो सो क्रिया के कर्ता को व्यक्त करती हैं। संज्ञाओं में सो प्रत्यय जोड़ने से ऐसी संज्ञाएँ बनती हैं जो निश्चित भूमिका निभानेवाले लोगों को सूचित करती हैं:

-ador भी समान काम करता है लेकिन यह ऐसी संज्ञाएँ बनाता है जो निश्चित काम करनेवाली चीज़ों को सूचित करती हैं:

संज्ञाओं और क्रियाओं में -eria जोड़ने से ऐसी संज्ञाएँ बनती हैं जो किसी निश्चित काम से संबंधित जगहों को सूचित करती हैं:

-ia ऐसी संज्ञाएँ बनाता है जो गुण, दोष या भावनाएँ व्यक्त करती हैं। अगर -ia में अंत होनेवाले शब्द में -ia जोड़ा जाता है तो सो शब्द में कोई बदलाव नहीं आता:

Enfantia और sultania जैसे शब्द स्थल या समय को भी सूचित कर सकते हैं जिसमें सो गुण, दोष या भावना मौजूद है।

पढ़ाई के क्षेत्रों के नामों के अंत में भी ia (या ica) होता है लेकिन यह धातु का हिस्सा है, प्रत्यय नहीं। वैसे क्षेत्रों में संलग्न व्यक्तिओं को सूचित करने हेतु -iste प्रत्यय जोड़ा जाता है। विशेषण बनानेवाला प्रत्यय -iste की वजह से कोई भी धर्म या आस्था में संलग्न व्यक्ति, संगीतज्ञों के नाम एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ”-ist-” में अंत होनेवाले नामों के अंत में -iste प्रत्यय का उपयोग किया जाता है:

धर्म और आस्थाओं के नामों के अंत में -isme का उपयोग किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ”-ism-” में अंत होनेवाले शब्दों में भी इसका उपयोग किया जाता है:

कम उपयोगी प्रत्यय

निम्न प्रत्ययों को शब्दकोश में दिए गए निर्देशनों के आधार पर केवल निश्चित शब्दों में लगाया जाता है।

कुछ संज्ञाओं के अंत में -eta जोड़ने से सो संज्ञा के लघु रूप बनते हैं। इसमें जानवरों के बच्चों और अंदर के कपड़ों के नाम समावेश होते हैं। इसी तरह से कुछ क्रियाओं और विशेषणों के अंत में -eta जोड़कर सो क्रियाओं और गुणों के लघु रूप बनाए जा सकते हैं:

संज्ञाओं के अंत में -on जोड़ने से सो संज्ञा के बृहत् रूप बनते हैं। इसमें बहरी पोशाक भी समावेश होते हैं:

-eta और -on peti औरgrande के पर्याय नहीं हैं: un careta grande या un salon peti होना संभव है। ये ऐसे शब्द बनाते हैं जो मूल शब्द के लगभग बड़े या छोटे रूपों को सूचित करनेवाले नए शब्द बनाते हैं।

रिश्तों को सूचित करनेवाली संज्ञाओं के लिंगों को सूचित करने के लिए -o और -a का उपयोग किया जाता है:

कुछ पेड़ों के नाम बनाने के लिए फलों के नामों के अंत में आनेवाले -o को -a में बदला जाता है:

पुल्लिंग ऐतिहासिक सामाजिक भूमिकाएँ व्यक्त करनेवाली संज्ञाओं के अंत में -esa जोड़ने से सो संज्ञा स्त्रीलिंग हो जाती है:

पारिभाषिक शब्द रचना प्रणाली

रोमन और यूनानी मूल से आए कई तकनीकी उपसर्गों और प्रत्ययों की मदद से अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक और औषधीय शब्द की रचना की जाती है। इन उपसर्गों और प्रत्ययों को एलेफ़ेन के लिप्यंतर के नियमों का पालन करते हुए एलेफ़ेन में भी उपयोग किए जाते हैं।

जब एक परसर्ग को पारिभाषिक उपसर्ग की तरह उपयोग किया जाता है तो वह supra- के समान नियम का पालन करता है: अगर सो परसर्ग में दो या ज़्यादा शब्दांश हैं और उसके अंत में एक स्वर वर्ण है और अगर दूसरे शब्द की शुरुआत में वही स्वर वर्ण मौजूद है तो सो स्वर वर्ण को सिर्फ़ एक बार लिखा जाता है (contra+ataca  →  contrataca)।

भिन्नसूचक संख्याएँ और गुणज बनाने के लिए -i और -uple प्रत्ययों का उपयोग किया जाता है।

समास

क्रियाओं में उसके कर्म को जोड़कर समास बनाया जाता है। इस तरह से बनाई गई संज्ञाएँ निश्चित कर्म पर निश्चित काम करनेवाले लोग या वस्तु को सूचित करता है:

अगर कर्म की शुरुआत में स्वर वर्ण मौजूद हो तो उसे तब तक क़ायम रखा जाता है जब तक क्रिया भी वही स्वर वर्ण से अंत न हो, जैसे portavion में।

एलेफ़ेन में दो संज्ञाओं से समास नहीं बनाया जाता। दो संज्ञाओं के बीच में परसर्ग रखना चाहिए। उदाहरण के लिए:

दुर्लभ स्थितियों में ऐसे वाक्यांशों के विशेष अर्थ हो सकते हैं और उन्हें एक ही शब्द की तरह उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक leon-de-mar (समुद्री सिंह) वास्तव में एक सिंह नहीं है। ऐसी स्थितियों में शब्दों को योजक चिह्न की मदद से जोड़ा जाता है और विशेषणों को दूसरी संज्ञा के पीछे रखा जाता है। स्पष्टता के लिए अन्य समासों के लिए भी योजक चिह्न का उपयोग किया जा सकता है:

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